लेखनी प्रतियोगिता -18-Apr-2024" ग़ज़ल "
ग़ज़ल
तुम्हारे सिवा अब किसी और पे प्यार आता नहीं।
तुम नहीं हो कहीं ये ख़याल भी दिल से जाता नहीं।।
बन्द कर के रख दी चिट्ठियां दिल की तिजोरी में।
अब उन शब्दों का अहसास रात को रुलाता नहीं।।
झरोखे वहीं हैं सभी जगह-ठिकाने पे मग़र
आँखों में अब वो चेहरा मुसलसल आता नहीं।
चले गये हैं छोड़ कर परिंदे पुराना घरौंदा।
वक़्त एक सा कभी किसी के लिए रहता नहीं।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Mohammed urooj khan
22-Apr-2024 11:42 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Arti khamborkar
21-Apr-2024 03:13 PM
Awesome
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